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रणजी के रण में विदर्भ फिर विजयी
Updated: Apr 5, 2019
आनन्द श्रीवास्तव
रणजी ट्रॉफी घरेलू भारतीय क्रिकेट का सर्वश्रेष्ठ मंच है. जहां तमाम भारतीय खिलाड़ी अपनी नुमाइश सजाते हैं. मतलब ये कि अगर यहां अच्छा खेले तो भारतीय टीम में खेलना तय समझिए. अंतर्राष्ट्रीय भारतीय क्रिकेट टीम को विश्वस्तरीय खिलाड़ी देने में रणजी ट्रॉफी का लंबा इतिहास रहा है. इसमें लगभग हर राज्य, राज्यों के उपक्षेत्र के साथ रेलवे और सर्विस मने आर्मी को मिलाकर कुल 37 टीम भाग लेती है. ये टीमें चार-पांच दिन जमकर आपस में मारकाट करती है. डोंट वरी ये मारकाट तीर तलवार से नहीं होती है. खिलाड़ी अपने बैट बॉल और अपनी अपनी स्किल्स से लड़ते हैं. रणजी के लीग मैच जिन्हें राउंड रॉबिन मैच भी कहा जाता है. ये चार दिन के होते हैं और नॉक आउट मैच पांच दिन का होता है. रणजी ट्रॉफी का नाम सर रणजी विभाजी जडेजा के नाम पर रखा गया है. जो राजा होने के साथ साथ अंग्रेजी क्रिकेट टीम के बल्लेबाज़ भी थे. इसी रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच का रिज़ल्ट आज आ गया है. सौराष्ट्र और विदर्भ के बीच खेले गए इस मैच में विदर्भ ने 78 रनों से जीत दर्ज़ की है. वो भी लगातार दूसरे साल यानी बैक टू बैक विक्ट्री बाई विदर्भ. आप सोच रहे होंगे कि ये सौराष्ट्र और विदर्भ किस चिड़िया का नाम है तो महराज इस तस्वीर को देखिए जान जाएंगे सौराष्ट्र है क्या?

जान गए.... ठीक है!! अब जानिए विदर्भ के बारे में....... जैसे सौराष्ट्र गुजरात के कुछ ज़िलों का समूह है वैसे ही विदर्भ महाराष्ट्र के 11 ज़िलों का समूह है. ये देखिए

यह मैच विदर्भ क्रिकेट संघ स्टेडियम में खेला गया. इस मैच में विदर्भ ने अपनी पहली पारी में 312 रन और दूसरी पारी में 200 रन बनाए. इसके जवाब में सौराष्ट्र की टीम पहली पारी में 307 रन ही बना सकी. इस तरह दूसरी पारी में जब सौराष्ट्र के सामने 206 रनों का लक्ष्य था तो उनकी पूरी टीम 58.4 ओवर में मात्र 127 रन पर ही बुक हो गई. इस तरह सौराष्ट्र का तीसरी बार भी रणजी चैंपियन बनने का सपना टूट गया.

इसके जीत के साथ ही विदर्भ के कप्तान फैज़ फज़ल अपनी टीम को लगातार दो रणजी ट्रॉफी ख़िताब जिताने वाले 11वें कप्तान बन गए हैं. महाराष्ट्र के प्रोफेसर डीबी देवधर ये कारनामा करने वाले पहले कप्तान थे. उन्होंने 1940 और 1941 में महाराष्ट्र की कप्तानी करते हुए दो रणजी ख़िताब महाराष्ट्र को जिताए थे. मुंबई के कप्तान बापू नदकर्णी ने इस रिकॉर्ड को और बेहतर करते हुए मुंबई को अपनी कप्तानी में 1964, 1965, 1966 में लगातार तीन बार रणजी चैंपियन बनाया था. इसके बाद अजीत वाडेकर ने मुंबई का कप्तान रहते हुए ये कारनामा दो बार किया था. उनकी कप्तानी में मुंबई ने 1969 और 1970 में इसके बाद 1972 और 1973 में रणजी ट्रॉफी पर कब्जा किया था. ये उपलब्धि हासिल करने वाले वाडेकर इकलौते कप्तान हैं. विदर्भ ने पिछले साल दिल्ली को हराकर यह ख़िताब जीता था. जबकि सौराष्ट्र की टीम 2015-16 के फाइनल में मुंबई से हार गई थी. बाएं हाथ के स्पिनर आदित्य सरवटे विदर्भ के लिए स्टार रहे. जिन्होंने दूसरी पारी में अपने 24 ओवरों में छह विकेट लिए. उन्होंने पहली पारी में 98 रन देकर पांच विकेट लिए थे. इस तरह मैच में 11 विकेट लेने वाले आदित्य सरवटे को मैन ऑफ द मैच चुना गया है. आदित्य के अलावा विदर्भ की जीत में वसीम जाफ़र ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हालांकि फाइनल में जाफ़र कुछ ख़ास कमाल तो नहीं दिखा सके लेकिन पूरी श्रृंखला में इस 40 वर्षीय खिलाड़ी ने ज़रूर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. उन्होंने पूरी श्रृंखला में 1037 रन बनाए.

जाफ़र के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड है. उन्होंने अबतक दस रणजी ट्रॉफी फाइनल खेले हैं और दस के दसों में उनकी टीम ने जीत दर्ज़ की है. जाफ़र पिछले साल विदर्भ से जुड़ने हैं. इससे पहले मुंबई के साथ खेलते हुए 8 बार रणजी ट्रॉफी जीतने में अपना योगदान दे चुके हैं. जाफ़र ने अब तक 10 बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में 1000 से ज़्यादा रन बनाए हैं. इस बार रणजी ट्रॉफी फाइनल 2018-19 में सिक्किम के मिलिंद कुमार ने सर्वाधिक 1331 रन बनाए हैं. विदर्भ क्रिकेट संघ (वीसीए) ने गुरुवार को रणजी ट्रॉफी ख़िताब जीतने वाली अपनी टीम को तीन करोड़ रुपए की नक़द पुरस्कार राशि देने की घोषणा की. फ़र्स्टपोस्ट के अनुसार वीसीए अध्यक्ष आनंद जायसवाल ने नागपुर से फोन पर बताया, ‘भारतीय क्रिकेट बोर्ड दो करोड़ रुपए (इनामी राशि के रूप में) देगा और हम (वीसीए) तीन करोड़ रुपए अतिरिक्त देंगे (टीम को).’ जायसवाल ने कहा कि 12 फरवरी से शहर में होने वाले ईरानी कप मैच को देखते हुए वीसीए ने रणजी ट्रॉफी की सफलता के जश्न को ‘स्थगित’ कर दिया है. वीसीए प्रमुख ने कहा, ‘हम सम्मान समारोह की तारीख़ तय करेंगे और इस कार्यक्रम के दौरान खिलाड़ियों को इनामी राशि दी जाएगी. ’भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 12 से 16 फरवरी तक नागपुर में होने वाले ईरानी ट्रॉफी के लिए गुरुवार को शेष भारत एकादश टीम की घोषणा कर दी. अजिंक्य रहाणे को इस टीम का कप्तान बनाय गया है. ईरानी ट्रॉफी में शेष भारत को रणजी ट्रॉफी चैम्पियन विदर्भ से खेलना है.
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