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पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानो को श्रद्धांजलि देते हुए "एक पहल" संस्था की मौन यात्रा.
उरी में सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर में यह सुरक्षाबलों पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है. जम्मू-कश्मीर के पुलावामा जिले में गुरुवार शाम को सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाया. आतंकी हमले में अबतक सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए हैं. समाजसेवी "एक पहल" संस्था के कुछ सदस्यों द्वारा 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए 44 जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लगभग 2 किलोमीटर की मौन यात्रा की गई। इसमें पाकिस्तान के विरूद्ध कुछ बैनरों के माध्यम से जनता को जागरूक करने की मुहिम को तवज्जों दी गयी। वही एक पहल के प्रदेशाध्यक्ष कशिश वर्मा का कहना है कि "भारत के अमर बेटों के बलिदान के लिए मैं निःशब्द हूं। फिर भी इस आतंकी घटना से भारत को जवाब नहीं, सीधा प्रहार करना होगा क्योंकि अब देश की इज्जत का सवाल है। देवेश अवस्थी का कहना है कि इस हमले पर राजनीति न होकर देश के सभी लोगों को एक साथ आना होगा। सरकार का सहयोग और त्वरित कार्यवाई करने के लिए सरकार को बाध्य करना चाहिए।


संस्था संस्थापक अध्यक्ष सुनील कश्यप जी ने कहा - आतंकवादियो ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में क्षेत्र में जो कायरता पूर्ण हमला किया है उसकी हमें निंदा करने के साथ-साथ सरकार से मांग करते हैं कि रोज रोज शहीद होने से अच्छा है एक बार आर पार हो जाना चाहिए। इस यात्रा के सभी विद्यार्थी माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के नोएडा परिसर के है।